रहस्यमयी टापू--भाग (१५)

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रहस्यमयी टापू--भाग(१५) सब आगे बढ़ चले उस जंगल की ओर शाकंभरी की सहायता करने,आगे बढ़ने पर रानी सारन्धा किसी पत्थर की ठोकर से गिर पडी़, उनके पैर में चोट लग गई थीं और वो अब चलने में असमर्थ थीं, रानी सारन्धा की स्थिति देखकर अघोरनाथ बोले___ जब तक रानी सारन्धा की स्थिति में सुधार नहीं होता ,तब तक हम इसी स्थान पर विश्राम करेगें, वैसे तो हम उड़ने वाले घोड़े के द्वारा रानी सारन्धा को उस वन मे भेज सकते हैं परन्तु उड़ने वाले घोड़े का ऐसा उपयोग उचित नहीं हैं क्योंकि सारन्धा जंगल में पहले पहुंच गई तो