360 डिग्री वाला प्रेम - 20

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२०. रोमांच… नहीं, कुछ असमंजस धीरे-धीरे मेहमान जाने लगे थे. एक-एक करके सब चले गये शाम तक. घर में बचे मात्र वही-- राजेश प्रताप सिंह, उर्मिला, आरव, वर्तिका और स्वयं आरिणी. थोडी देर झपकी लेकर वह अब सहज हो गई थी. आज डिनर की तैयारी करना चाहती थी, पर उर्मिला ने स्नेहवश उसे मना कर दिया. ठीक भी था… आरिणी अभी इतनी भी सामान्य नहीं हुई थी कि डिनर जैसी बड़ी जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकने में समर्थ हो. आरव तो घोड़े बेचकर सोया था. शाम होने को आई और शाम से फिर रात का घना अंधकार भी उतर आया,