360 डिग्री वाला प्रेम - 12

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१२. अनुभूतियां-- कुछ स्नेह कुछ प्रेम उर्मिला आरिणी को मन ही मन पसंद करने लगी थी, यह किसी से छिपा नहीं था. वर्तिका भी आरिणी में एक सहज अपनापन महसूस करती थी, पर आरव से जब भी चर्चा होती वह टाल जाता, कुछ नहीं था फिलहाल उसके दिमाग में, सिर्फ प्रोजेक्ट थी अभी. “मम्मी, आरिणी भी कितना खुश होती है हम लोगों के साथ न ? आपने देखा शुरू में वह चुप-चुप सी रहती थी, पर समय बीतते-बीतते कितना खुश रहने लगी थी हम लोगों के साथ”, वर्तिका ने बोला. आरिणी का व्यवहार और बात कहने का अंदाज वर्तिका को