लता सांध्य-गृह - 11 - अंतिम अध्याय

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पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। अंतिम अध्याय----------------- गतांक से आगे…. --------------- हमारे सांध्य-गृह के सभी सदस्य यहाँ स्वेच्छा से आए हुए हैं,अतः किसी के मन में कोई विशेष उदासी व्याप्त नहीं है। हमें साथ रहते हुए लगभग चार साल व्यतीत हो चुके हैं।हम सभी एक दूसरे की आदतों को अच्छी तरह समझ गए हैं।हर माह एक दिन के लिए सभी मथुरा,वृंदावन जाते हैं, जो भगवद्दर्शन के साथ साथ पिकनिक भी हो जाता है।हर छः माह में एक बार दूसरे शहर या प्रदेश में तीर्थयात्रा हेतु जाते हैं।हां, जिसे यात्रा में परेशानी होती है ,या उस समय