कल्पना से वास्तविकता तक। - 5

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कल्पना से वास्तविकता तक:--5 नोट:-- 1.इस भाग को पूर्णतः समझने के लिए आप पीछे के सभी भाग अवश्य पढ़ लें। 2.यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है,तथा किसी भी वेज्ञानिक़ तथ्य की पुष्टि नहीं करती है। प्रयोग में लाए गए तथ्य हमारी कल्पना मात्र है। धन्यवाद?। अब आगे..... नेत्रा मैक्सी को अपनी सहमति व्यक्त करती है, जिसमें कल्कि और यूवी भी उसका साथ देती हैं। नेत्रा:" लेकिन इसके लिए मुझे क्या करना होगा सर??" मैक्सी:" पहले तो सर नहीं अंकल कहो,इतने सालों से तरस गया हूं ,अपनों से अपनी सी बातें सुनने के लिए।" मुरझाए से चेहरे से नेत्रा