अन्तर से

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अंतस से *2010,/6 नवम्बर की एक गुनगुनी ठन्डी शाम अचानक छोटे भाई श्रेय का फोन आया , उसकी आवाज में निराशा थी ,बोला "शैला दीदी उदिता शादी के लिये मना कर रही है, कहती है उसके पास ज्यादा समय नही है", "मैं उसे कैसे समझाऊँ , उसके पास जितना भी समय है, मैं चाहता हूं हम साथ गुजारे"। उसके परिवार वाले भी उसकी हां में हां मिला रहे हैं..और उल्टा मुझे समझा रहे हैं कि 'जितने दिन भी उदिता के पास हैं उसे शान्ति से