असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 7

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7 ‘श्रीवास्तवजी आजकल मैं यह क्या सुन रही हूं।’ ‘क्या सुना-जरा मैं भी सुनंू।’ ‘यही कि आप कक्षा मंे छात्रांे को प्रेम कविताएं बहुत रस ले लेकर पढ़ा रहे है। छात्राएंे बेचारी शर्म से गड़ जाती है। ‘ऐसी कोई बात नहीं है, मैडमजी।’ सन्दर्भ विषय के आधार पर मैं अपना लेक्चर तैयार करता हूं। ‘नही, भाई ये छोटा कस्बा है। यहां पर ये सब नहीं चलेगा।’ ‘लेकिन मैडम पढ़ाना मुझे आता है।’ ‘लेकिन आप समझते नही है। माधुरी बोली।’ ‘मैं सब समझ रहा हूं। शायद स्कूल को मेरी आवश्यकता नहीं है।’ ‘नही.......नही, मास्टरजी ऐसी बात नहीं है, बस आप थोड़ा