तानाबाना - 25

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तानाबाना – 25 फरीदकोट लौटने के बाद के कई दिन उसी यात्रा के खुमार में बीते । दोनों पति – पत्नि आपस में इस सफर की छोटी से ठोटी बातें याद करते । धर्मशीला की सहेलियाँ जब तब हरिद्वार के घाटों की बात पूछती , गंगा की लहरों के बारे में जानना चाहती । वहाँ के मंदिरों की बातें करती । संध्या आरती की एक एक बात । वहाँ के हाट बाजारों की बातें । कचौरी और रबङी की बातें । जो चूङियाँ और मालाएँ वह इन लङकियों के लिए खरीदकर लाई थी . उनकी बातें । बातें