मूर्ति का रहस्य - 6

  • 6.6k
  • 3
  • 2.5k

मूर्ति का रहस्य छः सेठ रामदास की दूती शान्ति कही चाय के बहाने, कही नाश्ते के बहाने बार बार तलघर में आ जाती और लौट कर चन्द्रावती की स्थिति से सेठ जी को अवगत कराती। पंडित कैलाशनारायण शास्त्री को सेठ रामदास ने अपने विचारों से अवगत कराया-‘‘पंण्डित जी यह फौजी का लडका मुझे विश्वास योग्य नहीं लगता। बहुत ही चतुर चालाक है । ’’ पंडित कैलाशनारायण ने सेठ रामदास के विचार जानने के उद्धेश्य से पूछा-‘‘और आपकी चन्द्रावती ।’’ ‘‘ वह भी मुझे बदमाश लग रही है । देख नहीं रह,े हमें कैसे कैसे घुमा रही है।’’ रामदास ने कहा