क्रान्तिदृष्टा भवभूति महाकवि भवभूति एक क्रान्ति-दृष्टा कवि एवं नाटककार रहे हैं। संस्कृत साहित्य में अधिकतर परम्पराओं का पोषण दिखाया गया है। संस्कृत साहित्य का यह सही-सही मूल्यांकन का अभाव ही कहा जायेगा। महाकवि कालीदास का साहित्य जितना अधिक चर्चित है उतना महाकवि भवभूति का नहीं। इसका कारण है ब्राह्मणवादी संस्कृति के पोषक, संस्कृत के महापंडितों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। वे महाकवि कालीदास के परम्परावादी साहित्य की चर्चा अधिक करते हैं। मुझे तो लगता है इसका एक मात्र कारण यही रहा है कि महाकवि भवभूति ने परम्परा से हटकर कुछ नई