मूर्ति का रहस्य 5 रमजान किले के ऊपर सीधा दरगाह पर जा पहँुचा। उसने वहाँ अगरबत्ती लगाई और नमाज की मुद्रा में सलाम करने बैठ गया। उसी समय पीछे से आकर किसी ने उसे जकड लिया। वह जान रहा था यही होगा। कुछ ही क्षणों में उसने अपने आपको कैदखाने में पाया उसे स्वास लेने में कष्ट का अनुभव हो रहा था सीड़न की बदबू से उसका मस्तिष्क फटा जा रहा था। अंधेरे कमरे में कुछ भी नहीं सूझ रहा था। उसके हाथ पाँव बंधे थे, और वह हिल डुल भी नहीं पा रहा था सो