राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 6)

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ये क्या माजरा है यहां दिख तो कुछ नही रहा फिर भी न जाने किस अदृश्य शक्ति से टकरा जाती हूँ।कहते हुए अकीरा अपने हाथ को आगे करते हुए बढ़ती है।जहां वो उसे किसी वस्तु के सामने होने का स्पर्श महसूस होता है।वो आगे बढ़ती है और टटोलते हुए एक तरफ हटती चली जाती है।थोड़ा सा एक तरफ हो उसे स्पर्श महसूस होना बंद हो जाता है तो वो उस तरफ से आगे बढ़ जाती है। जलीय संसार में --- मान अपने माथे पर हाथ रख बैठा है।वहां घटित होने वाली घटनाएं उसे उसकी समझ से परे होती हुई महसूस