अपने-अपने कारागृह - 14

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अपने-अपने कारागृह-13 सुबह नाश्ता करके उषा उठी ही थी कि पदम का फोन आ गया । वह 15 दिन के पश्चात हफ्ते भर के लिए आ रहा था । साथ में रिया भी आ रही थी । सुनकर उषा की प्रसन्नता का पारावार न रहा । 15 दिन में ही घर सेट करना था पर जब एक टारगेट निश्चित कर ले तो सोचा हुआ काम पूरा ना हो पाए, ऐसा हो ही नहीं सकता । अनिला का कनछेदन नहीं हुआ है, क्यों न इस बार उसके कान छिदा दें । साथ में एक छोटी सी पार्टी का भी आयोजन कर लें ।