मुकम्मल मोहब्बत - 24

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मुकम्मल मोहब्बत -24 आज मधुलिका कल की तरह बेहाल नहीं हैं. आँखें भी सूजी हुई नहीं हैं. लाल भी नहीं हैं. लग रहा है,रात सो पायी है. लेकिन, चेहरा शान्त है. उदास नहीं है. लेकिन, खुश भी नहीं है. मैं उसका पहले जैसा खिला हुआ चेहरा देखने को तरस रहा हूँ. उसकी शोखियां गायब होने से बातावरण भी सूना सूना सा हो रहा है. आज झील मेंं सेलानी भी कम हैं, शायद ऊपर पहाड़ियों के मजे ले रहे हैं. मैं भी जब पहली बार नैनीताल आया था तो सबसे पहले स्नो व्यू पॉईंट गया था. वहां हिमालय के