त्रिखंडिता 17 उफ, ये माँ का दिल भी कैसा होता है ? अपने बच्चे उसे हमेशा छोटे, भोले और नासमझ लगते हैं। हमेशा उसे लगता है कि दुनिया के लोग उसके बच्चे को ठग लेंगे। उसका वश चले तो उन्हें सदा अपने आँचल तले महफूज रखे। जबकि बड़े होते ही बच्चों को माँ का अपनी जिन्दगी में हस्तक्षेप खलने लगता है। वे उसकी ममता को नहीं समझ पाते। उसकी चिन्ता उन्हें अपनी आजादी में बाधक लगती है। अक्सर देखने में आता है कि वे अपनी माँ की नसीहत नहीं मानते, जबकि दूसरी औरतों द्वारा दी गई सलाह वे मान लेते