कल्पना से वास्तविकता तक। - 3

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कल्पना से वास्तविकता तक:--3 नोट:-- 1.आप सब इस भाग को समझने के लिए पिछले वाले भाग अवश्य पढ़ लें। 2.इस भाग में प्रयोग लाई गई एक भाषा पूर्णतः काल्पनिक और हमारे द्वारा स्वरचित है किसी भी देश ,राज्य ,या कस्बे की भाषा से मिलना सिर्फ एक संयोग मात्र होगा। 3.यह कहानी किसी भी वैज्ञानिक तथ्य की पुष्टि नहीं करती हैं। दिए गए तथ्य बस कल्पना मात्र हैं।? धन्यवाद!! अब आगे...... कल्कि जब बेहोशी से जागती है ,तब वो पहले तो चारों तरफ़ देख कर हैरान हो जाती है,लेकिन तभी उसे नेत्रा और यूवी का ख्याल आता है ,वो अपने