2 जैसा कि अखबारों की दुनिया में होता रहता है, वैसा ही यशोधरा के साथ भी हुआ। अखबार छोटा था मगर काम बड़ा था। धीरे-धीरे स्थानीय मीडिया में अखबार की पहचान बनने लगी थी। शुरू-शुरू में अखबार एक ऐसी जगह से छपता था जहां पर कई अखबार एक साथ छपते थे। इन अखबारों में मैटर एक जैसा होता था। शीर्षक, मास्टहेड, अखबार का नाम तथा सम्पादक, प्रकाशक, मुद्रक के नाम बदल जाया करते थे। कुछ अखबार वर्षों से ऐसे ही छप रहे थे। कुछ दैनिक से साप्ताहिक, साप्ताहिक से पाक्षिक एवं पाक्षिक से मासिक होते हुए काल के गाल में