फेस बुक-फेक बुक

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डॉ सन्दीप अवस्थी वह बस से उतरी । रात के दो बजे थे और इस अनजान शहर में वह किसी को नही जानती थी। बस एक नाम था आयुष और जगह थी बड़ा बाजार। यही का उसने जिक्र किया था। वह उसका फेस बुक फ्रेंड है (माफ़ करें जिन युवाओं की कहानी है उन्हें हिंदी की समझ विकसित हो रही है, हुई नही, तो यही भाषा) । फेसबुक पर दोस्ती कैसे होती है! Oh come on..आप सब जानते हैं। मैंने तो अपना fb अकाउंट ही बंद कर रखा है। आभासी दुनिया से जितना दूर रहो उतना अच्छा। दोस्ती परवान चढ़ी