लिखे जो खत तुझे

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रचना किचन में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। तभीऑफिस से लौटे समीर और बेटी दिशा की आवाज उसके कानों में पड़ी। " कैसे हो बेटा! और मम्मी कहां है!"सुनकर रचना के तन बदन में आग लग गई!मन ही मन गुस्से से बुदबुदाई 'जहन्नुम में!'पूछ तो ऐसे रहे हैं जैसे मम्मी की कितनी फिक्र है । अब देखो कैसे आवाज लगाएंगे!रचना मेरी चाय ! खाना!और फिर लग जाएंगे अपने लैपटॉप या फोन में। बस ऑफिस, लैपटॉप और फोन । यहीं इनकी दुनिया रह गई है!मुझे तो बस यह चूल्हा झोंकने के लिए लेकर आए थे। सोचते सोचते रचना की