अंतर्द्वन्द -5अभी तक आपने पढ़ा कि नेहा एक बेटी की माँ बन जाती है।अब आगे पढिये :- वह बहुत खुश है कि चलो पराये से लगने वाले इस घर में कोई तो ऐसा आया, जिसे वह अपना कह सकती है।उसके मासूम चेहरे को देखकर, वह सारी मानसिक पीड़ा भूल जाती है। लेकिन उसकी यह खुशी ज्यादा दिन तक कायम नहीं रहती ।बेटी होने के चौदहवे दिन, एक दिन वह अपनी बेटी को लेकर अपने कमरे में बैठी हुई थी, कि तभी निखिल दनदनाता हुआ कमरे में आता है और उससे कहता है "सारा दिन बिस्तर पर पड़ी रहती है ।कुछ काम