त्रिखंडिता - 14

  • 5.5k
  • 2.1k

त्रिखंडिता 14 कभी-कभी वह सोचती है कि क्यों किसी स्त्री की सफलता के पीछे उसका स्त्री होना कारण मान लिया जाता है। क्यों नहीं पुरूष की सफलता के कारणों की छानबीन होती है उसे विश्वास है कि इस जाँच से ऐसे-ऐसे चमकदार चेहरे बेनकाब होंगे जिनकी सफलता उनका पुरूषार्थ माना जाता है। साहित्य-संस्कृति कला फिल्म राजनीति धर्म-दर्शन कहाँ नहीं हैं ऐसे चेहरे। और ऐसे लोग और बढ़-चढ़कर स्त्री के लिए सीमाएँ निर्धारित करते हैं। उनको देह मात्र समझते हैं। उनके बड़बोले बयानों को सुनकर कोफ्त होती है। कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जो स्त्री-पुरूष किसी को नहीं बख्शते। दैहिक शोषण