6. स्मारक इन दिनों ज्यादा से ज्यादा वक्त अस्पताल में मरीजों के बीच ही बिताने की चेष्टा करता। घर लौटने के समय का कोई ठिकाना नहीं था। आज बड़-सावित्री की पूजा है। विवाह के पश्चात पहला पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सास के साथ-साथ बहु ने भी उपवास रखा था। अब मुंबई जैसी महानगरी में कंक्रीट के जंगल तो चारों ओर उग भी रहे हैं और आकाश को भी मुट्ठी में बांधना चाहते हैं, परंतु एक वट का वृक्ष पूजने के लिए उन्हें वर्सोवा से बोरीवली जाना पड़ा। हम शनौ:-शनौ: अपने रीति-रिवाजों को भूलते चले जा रहे हैं,