यादों के झरोखे से Part 4 ================================================================ मेरे जीवनसाथी की डायरी के कुछ पन्ने - बॉम्बे में शूटिंग देखना फिर पहली नौकरी शिपिंग में मिलना ================================================================ 19 दिसम्बर 1967 मैं अपने चचेरे भाई के साथ दादर के पास दोनों स्टूडियो गया . शूटिंग जितना रोमांचक होगा सोचा था वैसा कुछ मजा नहीं आया . एक स्टूडियो में डांस की शूटिंग हो रही थी , उस डांसर को मैं नहीं पहचान सका . पर दर्जनों बार एक ही शॉट को कट , रीटेक देख कर वहां से निकल उसी स्टूडियो के दूसरे रूम में गया . वहां कुछ जाने पहचाने चरित्र अभिनेता