लहराता चाँद - 25

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लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 25 साहिल जब घर पहुँचा शैलजा नाश्ता और चाय ले आई। रोज़ की तरह अभिनव घर पर नहीं था। अभिनव की याद आते ही उस पर किसी और का साया साहिल को अंदर ही अंदर असहनीय महसूस करा रहा था। - माँ वो कहाँ है?" उसके पूछने के ढंग से उसकी नाराज़गी साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी। - कौन ? पापा.. वह अभी तक नहीं आये। फ़ोन आया था कि देर होगी।" साहिल गुस्से में आकर तुरंत बाइक लेकर बाहर चलगया। जब वह कॉलेज पहुँचा कॉलेज बंद हो चुका था। वह वॉचमैन से पूछा, "पापा