दह--शत - 59

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एपीसोड –59 धार्मिक गुरू मीता शाह की कार चलने को है। वह अपनी परेशानियों का पुलंदा एक लिफ़ाफ़े में रखकर  लाई है। उनके हाथ में देते हुए कहती है, “मुझे आपकी सहायता चाहिए।” वह मुस्कराकर उससे लिफ़ाफ़ा ले लेती हैं, “ठीक है।” उनकी कार चल दी है, समिधा के दिल में आशा की ज्योत जलाकर। इनके ट्रस्ट के स्कूल के बच्चे भी समिधा के पास पढ़ने आते हैं। ट्रस्ट से अनेक अस्पताल व महिला योजनायें संचालित हो रही हैं। कोचिंग संस्थान से कार्यक्रम के फ़ोटोज़ मीता बेन को पहुँचाने का काम उसे सौंपा जाता है। वे मंदिर के प्रांगण में