लहराता चाँद - 23

  • 3.8k
  • 1
  • 1.2k

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 23 साहिल जब घर पहुँचा शैलजा ने दरवाज़ा खोला। साहिल अंदर आकर सोफ़े पर बैठा। शैलजा दरवाज़ा बंदकर साहिल के पास बैठी। साहिल अपनी माँ की गोद में सर रखकर सो गया। शैलजा ने उसकी सर पर हाथ फेरते हुए पूछा, "साहिल इतनी देर तक कहाँ रह गया बेटा मुझे तेरी बहुत फ़िक्र हो रही थी।" - माँ अनन्या का पता चल गया और आज वह घर भी आ गई।" शैलजा के प्रश्नों के बदले कहा। - ओह! शुक्र है, बच्ची मिल गई। दो दिन से कहाँ थी? कुछ पता चला?" - हाँ, माँ उसे