मुकम्मल मोहब्बत - 14

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मुकम्मल मोहब्बत -14 मैने अपनी गर्दन मधुलिका की ओर घुमायी तो उसकी निगाहें मेरे चेहरे पर टिकी हुई थी. मैं कुछ कहता, वह गम्भीरता से बोली-"इतने सीरियस क्यूँ हो?ममा से डॉट पड़ी है?"उसकी बात सुनकर मैं हँसने ही वाला था, लेकिन मैंने अपने चेहरे पर संजीदगी ओढ़ ली."देखो,स्वीट डियर !ममा की डॉट का बुरा नहीं मानना चाहिए. दरअसल ,हम उनकी नजरों में कुछ गलत करते हैं, तब वह हमारे भले के लिए हमें डाटते हैं."मधुलिका ने गम्भीरता से कहा."उनकी नजरों में हम कुछ गलत करते हैं..."मैंने उसका वाक्य दोहराया."हां,कुछ चीजें हमारी नजरों में सही होती हैं और हम उन्हें करते