कहानी जो जहाँ है आर. एन. सुनगरया, ‘’सेठ जी मेरे बच्चे दो दिन से भूखे हैं, कृपा करके उनकी (पति की) या मेरे तनखा में से कुछ पैसे दे दीजिये ताकि......’’ सेठजी की वासनापूर्ण टक्-टकी को