बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 2

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भाग -२ अम्मी ने यह पता चलते ही कोहराम खड़ा कर दिया। लेकिन तब वह पांच छोटे-छोटे बच्चों के साथ अब्बू की ज्यादतियों के सामने कमजोर पड़ गईं। अब्बू के झांसें में आकर वह अपना जमा-जमाया काम-धंधा पहले ही छोड़ चुकी थीं। उन्होंने अब्बू से सारे रिश्ते-नाते खत्म कर घर छोड़ने के लिए कहा। 'खुला' देने की भी धमकी दी। लेकिन अब्बू टस से मस ना हुए, जमे रहे मकान में। अम्मी, बच्चों को बस जीने भर का खाना-पीना देते थे। लाज ढकने भर को कपड़े। अम्मी के लिए अपने वालिद को खोने के बाद यह सबसे बड़ा सदमा था,