हंसता क्यों है पागल - 5

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मैं बाहर घूम - घाम कर घर लौटा तो कुछ बेचैनी सी थी। खाना खाकर बैठने के बाद भी ऐसा लगता रहा जैसे बदन में कोई धुआं सा फ़ैल रहा है। मैं कुछ देर शीशे के सामने भी खड़ा रहा। मैं कपड़े बदल लेने के बाद मन ही मन सोचने लगा कि क्या मुझे किसी डॉक्टर से मिलना चाहिए? लेकिन डॉक्टर को बताऊंगा क्या? नहीं बताया तो वो दुनिया भर के सारे टैस्ट लिख देगा। फ़िर करवाते फिरो। हर टैस्ट में सैकड़ों रुपए और उसके बाद एहतियात के लिए बेशुमार दवाएं। मुझे एकाएक ज़ोर से हंसी आ गई। ओह! ये