लहराता चाँद - 16

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लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 16 अनन्या एक बंद कमरे में बँधी हुई थी। उसकी हाथ पैरोँ को रस्सी से बाँधकर कमरे के एक कोने में रख दिया गया था। वह असह्य पीड़ा अनुभव कर रही थी। काश कि कोई आकर उसके हाथ पैर खोल दे। धूल मिट्टी में पड़े उसका शरीर दर्द से छटपटा रहा था। कई घंटों से वह उसी हाल में पड़ी रही। उसे कोई पूछने तक भी नहीं आया। न जाने कौन है जो उसे बंदी बनाए रखा है और कब तक रखेंगे ये लोग उसे? किस मकसद से अपहरण किया है वह भी पता नहीं।