इंसाफ की तारीख,दोस्तो कभी कभी अधूरी इच्छाएं लिए लोग दुनिया से चले जाते लेकिन इस दुनिया और दूसरी दुनिया के बीच फस कर रह जाते है और अक्सर आम जनों से उनका आमना सामना हो जाता। ऐसी ही एक कहानी आपके सामने प्रस्तुत है......संकल्प सिंह अपने माँ बाप के दो बच्चों में सबसे छोटी सन्तान था। संकल्प से बड़ी बहन निधि विवाह योग्य हो चुकी थी। संकल्प लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ रहा था लेकिन अन्तिम चयन नही हो पा रहा था। इस लिये निराशा में आकर इस बार सिविल कोर्ट किशन पुर में चौकीदार पद के लिये भर्ती में