कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग - 11)

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प्रशांत की आवाज सुन कर अर्पिता के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान खिल जाती है।वो तुरंत ही पीछे मुड़ती है और धीरे से कहती है, आप आ गये प्रशांत जी। प्रशांत सफेद शर्ट काली पैंट पहने होठों पर मुस्कुराहट रखे चलता चला आ रहा हैं।उनके पीछे परम और श्रुति भी चले आ रहे हैं। प्रशांत को देख अर्पिता के मुख से जगजीत जी की गाई गजल के बोल निकल पड़ते हैं।जो वो हौले हौले गुनगुनाने लगती है – तुमको देखा तो ये ख्याल आया। तुमको देखा तो ये ख्याल आया। जिंदगी धूप तुम घना साया।धीमी आवाज मे गाने पर