अपने अपने कारागृह - 3 अजय का हजारीबाग स्थानांतरण हो गया था । नक्सली एरिया था पर जब काम करना है तो कहीं भी स्थानांतरण हो जाना ही पड़ता है । वैसे भी वह सदा सुरक्षाकर्मियों के साथ ही चलते हैं । पदम और रिया की दीपावली की छुट्टियां होने वाली थीं वे आने वाले थे । अजय ने मम्मी -पापा से आग्रह किया था अगर वह भी आ जाए तो इस बार पूरा परिवार मिलकर दीपावली साथ मनाएं । वे मान गए ।इस बार अजय उन्हें रजरप्पा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां छिन्नमस्तिके के मंदिर के साथ प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गया