इक समंदर मेरे अंदर - 26 - अंतिम भाग

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इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (26) रविवार आने में देर ही कितनी लगती थी। उस दिन भी वह सुबह जल्‍दी उठी और नाश्‍ते की तैयारी करने लगी। इतने में ससुर किचन में आये और बोले – ‘कामना, हम अगले सप्ताह वापिस जा रहे हैं। मैं पिछले दिनों जाकर वापसी की टिकटें ले आया था। ....चिंकू की परीक्षाएं भी नज़दीक आ रही हैं। हम टीवी और केबल के बिना नहीं रह सकते। अब अगले साल फिर नवंबर में आयेंगे। अब ये समझ लो कि वहां की ठंड सही नहीं जाती। मुंबई का मौसम ठीक रहता है।‘ उन्‍होंने तो उसको चुप