अनकहा अहसास - अध्याय - 10

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अध्याय - 10घर पहुँचकर वो बेड में जाकर आँख बंद करके लेट गई। और सोचने लगीक्या अनुज मुझे आज भी प्यार करता है। मैं तो हैरान रह गई ये देखकर कि वो मेरी फिक्र कर रहा था पर उसकी पत्नि तो वही थी। फिर उसे मेरी चिंता क्यों हो रही थी। ये तो आश्चर्यजनक बात है, क्या उसके संबंध अपनी पत्नि के साथ ठीक नहीं हैं। इसी उधेड़बुन में शाम हो गई और उसे पता ही नहीं चला। अचानक उसने कालबेल की आवाज सुनी। उसने सोचा इतनी शाम को अभी कौन हो सकता है। वह उठकर धीरे-धीरे हॉल में आई और