लहराता चाँद - 13

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लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 13 अगले दिन जब अनन्या ऑफिस पहुँचकर बैग टेबल के ऊपर रखी, देखा गौरव आँख में पानी लिए अपने कमरे से बाहर निकल रहा है। उसकी हालात काफी मज़ाकिया लग रही थी। जीभ को बाहर निकाल कर मुँह के अजीब भंगिमा देखने लायक था। - अरे क्या हुआ गौरव रो क्यों रहे हो ? " अनन्या आश्चर्य होकर हँसी को होंठों के बीच छिपाकर पूछी। गौरव मुँह पिचकाकर आँख में बड़े-बड़े आँसू से अनन्या की ओर देखा। जीभ को बाहर निकालकर अपने सीट पर जा बैठा। अनन्या ने उसकी अजीब सा ढंग देख कुछ और