सजना साथ निभाना--(अंतिम भाग)

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मधुसुदन,अब एक -दो दिन में यामिनी का चेकअप करने आ ही जाता, यामिनी तो बस बहाना थी,वो तो बस विभावरी को एक नजर देखने आता था, ऐसा नहीं है कि विभावरी भी मधुसुदन के आने का इंतजार नहीं करती थीं, उसे भी लगता था कि मधुसुदन सिर्फ एक बार ये कह दे कि चलो घर लौट चलो क्योंकि उस घर से मैं अपनी मर्जी से नहीं आई थी मुझे तो वहां से निकाला गया था।। मधुसुदन ये खुशखबरी बताने श्रद्धा के पास उसके कालेज पहुचा__ सच!मामाजी, मामी मिल गई,क्या मैं उनसे मिल सकती हूं,श्रद्धा ने पूछा।। हां... हां...क्यो