इक समंदर मेरे अंदर - 19

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इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (19) बाहर खड़ी होकर वह उन नामों को याद करने लगी जो आसपास रहते थे....लेकिन मुसीबत के समय कोई नाम भी तो याद नहीं आते। वह उन नामों को ज्‍य़ादा तवज्‍जो दे रही थी जो महालक्ष्‍मी या दादर के आसपास रहते थे। तभी उसे दादर में रहनेवाले पापा के एक दूर के रिश्‍तेदार राम रतन जी याद आये। वे वहां परिवार के साथ रहते थे। उसने सोचा कि क्‍यों न वहां जाया जाये और अपना परिचय देकर रात काटी जाये। बस, इतनी सी बात दिमाग़ में आनी थी कि उसके पैर स्वयमेव दादर की