उसने कहा-तुम्हे याद है हम पहले कितनी बाते करते थे,कितना टाइम एकसाथ गुजारते थे,कितना खुश रहते थे? मैं- हाँ याद है। वो-तो अब क्यों नही हम ऐसे रह सकते ? मैं-सब दिन एक जैसे नही रहते,परिस्थिति बदलती है तो हमे भी बदलना पड़ता है। वो- तुम और तुम्हारी परिस्थियां! हमेशा तुम ऐसा ही करते हो मेरे साथ।मैं लड़की होकर भी इतना एफर्ट करती हूं और तुम जरा भी सीरियस नही हो हमारे रिश्ते को लेकर.... मैं-हम्म्म्म...... वो- क्या तुम्हारा मन भर गया है मुझसे ? मैं-क्या फालतू की बकवास करती हो। वो-और क्या समझूँ मैं इसको? बात तुम नही करते,मिलते