मेरे घर आना ज़िंदगी - 25 - अंतिम भाग

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मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (25) आत्मविश्वास के पद चिन्ह संतोष श्रीवास्तव की रचनाधर्मिता के कई आयाम है। वे एक समर्थ कथाकार, संवेदनशील कवयित्री, जागते मन और अपलक निहारती नजरों वाली संस्मरण लेखिका, न भूलनेवाले लेखे-जोखे के संग देर औऱ दिनों तक याद रखनेवाले यात्रा वृत्तांत लिखनेवाली ऐसी रचनाकार है जो हर विधा में माहिर है। उनका लेखन स्तब्ध भी करता है और आंदोलित भी। उनके कविता संग्रह 'तुमसे मिलकर' की कविताओं से गुजरते हुए यह अहसास होता है कि उनकी दृष्टि दूर तक जा कर न तो ओझल होती है, न भोथरी। वह पाठक को चेतना के