गुड्डू ने झटपट अपनी टेबल खाली कर दी थी. बाउजी ने वहीं अपना सामान जमाया. दो-तीन दिन खूब रौनक रही घर में. सुनील कोलकता में है. उसकी बीवी भी बंगाली है. जाने के एक दिन पहले ड्राइंग रूम में दोनों भाई और उनकी पत्नियां बैठक जमाये थीं. वहां से आती आवाज़ों पर बाउजी ने ध्यान लगाया तो समझ में आया कि उन्हीं के बारे में बात हो रही है. सुधीर कह रहा है कि बाउजी के लगातार एक ही जगह रहने के कारण वे दोनों कहीं खुल के आ-जा नहीं पाते. कहीं घूमने जाने का प्रोग्राम भी नहीं बना पाते.