प्यार का रिश्ता

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आज बहुत दिनों बाद शर्मा जी के घर जाना हुआ ।पहले तो वह हमारे घर के पास ही रहते थे तो दोनों परिवारों में घनिष्ट मित्रता थी फिर उन्होंने एक कॉलोनी में अपना घर बनवा लिया तब से वहीं रहने लगे और तब से हमारा मिलना जुलना भी थोड़ा कम हो गया ।उनकी पत्नी मेरी बहुत अच्छी मित्र है।शर्मा जी मेरे पति के सहकर्मी हैं दोनों ही इंटर कॉलेज में लेक्चरर हैं।जैसे ही में घर में घुसी ड्रॉइंग रूम में उनकी बेटी और उनके दामाद को बैठे पाया।उसे देखते ही मेरे मुँह से निकला "अरे पायल तू कब आई"।"नमस्ते आँटी"आन्टी