व्यापारियों के विरोध के बाद भी अभी तक रबि को छोड़ा नही गया था। जहाँ एक ओर रबि व्यापार मण्डल का सदस्य था तो वही दूसरी ओर उसके अच्छे आचरण और व्यवहार से व्यापारियों का रोष लगातार बढ़ रहा था। साथ ही साथ रबि का पत्रकार भाई स्वार्थ वश समाचार पत्र में पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये बहुत सारे आरोप लगा रहा था। यह उस समय शहर की बड़ी कवरेज न्यूज बन चुकी थी जिले के लगभग सभी आला अधिकारियों के संज्ञान में ये मामला आ चुका था। पुलिस जितनी भी जाँच करती घूम फिरकर वह सब की