पतंगा और मदमस्त जवानी

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रौशनी हुई कि वो उस ओर चल पड़ा...... शीत मौसम की कड़क सर्दी बीत चुकी थीं अब मौसम में थोड़ी गर्माहट भी आ गयी थी।मौसम के बदले मिजाज ने पतंगे को बाहर आने के लिए मजबूर कर दिया। सारा मौसम उस के अनुकूल हो चुका था मगर दिन की रौशनी में कोई पक्षी उसे अपना निबाला ना बना ले इस बात का डर अभी भी सता रहा था। फिर भी वो बड़ी ही सावधानी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। शाम का समय हुआ चारों ओर फिर से अंधेरा छाने लगा तभी अचानक कुछ दूरी पर रोशनी जली