दिव्यांग

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बहुत ही बड़े शिवजी के मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। सब लोग कुतूहलवश जानने की कोशिश में थे कि आखिर वहां हुआ क्या था।“आप को गलतफहमी हुई है बहन जी!”“तू खुद गलत काम कर रहा है और मुझे गलत बोल रहा है? वाह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।”“बहन जी मैं आपको गलत नहीं कह रहा हूं मैं तो बस आपको ये समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि आप मुझे गलत समझ रही है।”“क्या हुआ बहन जी? क्या दिक्कत है?” वहां पे खड़े एक सज्जन पुरुष ने बहन जी से पूछा।जवाब में उस महिला ने कहा,“मैं हर