(ये एक सत्यघटना है। अवश्य पढ़ें। इसमें कुछ भी कल्पनिक या मनगढ़ंत कहानी नही है। जो स्वयम मेरे साथ कभी घटी थी। हो सकता है ये किसी को मनोरंजक ना लगे क्योंकि सत्यघटनाओ को आप काल्पनिकता की उड़ान नही दे सकते। उन्हें उसी रूप में व्यक्त करना पड़ता है।)जो दृश्य है हमसभी उसी पर विश्वास करते हैं। जिनकी गुत्थी विज्ञान सुलझा चुका है जो हमारी बुद्धि और तर्क शक्ति के दायरे में है हमारे लिए वही सत्य है । परंतु सत्य और असत्य की कसौटी से परे भी ऐसा कुछ है जो हमको अपना आभास कराता है, लेकिन उनमें भी