जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक - भाग 3

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पिछले दो दिनो से हम अस्पताल जा रहे थे, लेकिन कुछ वजह से हमे भाई को नही मिलने दिया जा रहा था।आज तीसरा दिन था जब मे अस्पताल जाने वाली थी ,लेकिन आज मे अकेली जाने वाली थी,सुबह सात बजे उठ गई ओर नो बजे मै अस्पताल पहुच गई, लेकिन ये जो कुछ घंटे थे जहा मुझे इंतजार करना था आई सी यु मे जाने के लिए ये सायद मेरी जिंदगी का सबसे लम्बा इंतजार था।कही भी कुछ समझ नही आ रहा था ओर जल्दी से मुझे मेरे भाई को देखना था, दिल ओर दिमाग सुन सा हो गया था