ग्रामीण व्यक्ति का हिसाब

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एक ग्रामीण आदमी एक शहरी के यहां मेहमान बना जिसके यहां बहुत सारी मुर्गियां थी , उस शहरी के घर वालों में, उसकी पत्नी ,दो लड़के और दो लड़कियां थी; शहरी का कहना है कि मैंने अपनी बीवी से नाश्ते में मुर्गियां भूनने को कहा।नाश्ते के वक्त हम सब घर वाले मेहमान समेत बैठ गए , भुनी हुई मुर्गी सामने रख दी गई और उस मेहमान से कहा कि इसेे बांट दो, बात तो थी मजाक की मगर उसने सचमुच मुर्गी का बंटवारा कर डाला, कहने लगा कि भाई बांटने का सही ढंग तो मुझे आता नहीं , हां यह है