इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (13) बादल एक दूसरे को धकियाते हुए तैरते से लगते थे और उनसे जब पानी बरसता था, तो लगता था मानो वे मोती की लड़ियां थीं। कामना उन पानी की लड़ियों को पकड़ने की असफल कोशिश करती थी। बादल खूब बरसते थे। पेड़ खुश होकर, खूब झूमते थे। ऐसा लगता था, मानो वे एक दूसरे के गले मिल रहे हों। अम्मां और पापा बहुत खुश होते थे और बाल्कनी में खड़े होकर उस सीन को निहारते हुए अपने गांव और खेतों को याद करते थे। रमेश का कॉलेज बांद्रा में था। वह सुबह का